वेदों के बारे में फैलाई गई भ्रांतियों में से एक यह भी है कि वे ब्राह्मणवादी ग्रंथ हैं और शूद्रों को अछूत मानते हैं। जातिवाद की जड़ भी वेदों में बताई जा रही है और इन्हीं विषैले विचारों पर दलित आंदोलन इस देश में चलाया जा रहा है। लेकिन इन विषैले विचार ...
↧