वेद संसार की प्रथम धार्मिक, वैज्ञानिक, सामाजिक और राजनीतिक पुस्तक है। वेदों में सबकुछ है। वेद से बाहर कुछ भी नहीं। वेदों को ईश्वर की वाणी माना जाता है। ईश्वर की इस वाणी के पहली बार चार ऋषियों ने सुना था- अग्नि, वायु, अंगिरा और आदित्य।
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