''वह परम पुरुष जो निस्वार्थता का प्रतीक है, जो सारे संसार को नियंत्रण में रखता है, हर जगह मौजूद है और सब देवताओं का भी देवता है, एक मात्र वही सुख देने वाला है। जो उसे नहीं समझते वो दुःख में डूबे रहते हैं, और जो उसे अनुभव कर लेते हैं, मुक्ति सुख को ...
↧